Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -20-Aug-2022

       एक दौर उम्र का
एक दौर उम्र का वो भी था
लड़कपन का हिसाब ना पूछो।
दिन भर खिलखिलाना
हमारा वो अंदाज ना पूछो।
सही कहते थे बुजुर्ग
तुम्हारी हंसी को नजर लग जाएगी।
ये जो हंसती हो ना खिलखिला कर
देखना एक दिन धरी की  धरी रह जाएगी। ।
अब उम्र का तकाजा ये भी कुछ हद
तक बुजुर्ग सही कहते हैं ।
ये बुजुर्ग नहीं उनकी उम्र के तजुर्बे
कहते हैं।
तो ज्यादा नहीं थोड़ा उनके तजुर्बे
से सीखो।
क्यूंकि उम्र के दौर जो गुजरे लौट
कर ना आयेंगे ।
और रही अरमानों की बात
तो वो भी यहीं रह जाएंगे। ।

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12 Comments

Pankaj Pandey

22-Aug-2022 01:20 PM

Very nice

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Rekha mishra

22-Aug-2022 09:48 AM

Thanks to all

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Seema Priyadarshini sahay

22-Aug-2022 09:12 AM

बेहतरीन रचना

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